60+ Club

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About 60+ Welfare Movement

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This is an initiative for people who are more than 60-years of age, who want to continue to participate actively in working life. People of 60 Plus ages can join. We are not a commercial recruitment agency.

भूमिका:

भारतीय समाज के परंपरागत मूल्यों में वृद्ध-जनों को सम्मान देना और देखभाल करने पर बल दिया जाता है। लेकिन हाल के समय में समय में धीरे-धीरे लेकिन निश्चित तौर पर संयुक्त परिवार प्रणाली में विघटन हो रहा है, परिणाम-स्वरुप भावात्मक,शारीरिक और वित्तीय सहायता की कमी से काफी संख्यामें माता-पिता का उनके परिवार द्वारा उपेक्षा की जा रही है, यह वृद्ध-जन पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा की कमी में, अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इससे स्पष्ट होता है कि वृद्धावस्था एक बड़ी सामाजिक चुनौती बन गई है।

और वृद्धि जनों की आर्थिक और स्वास्थ्य जरूरत को पूरा करने और वृद्ध जनों की भावात्मक जरूरत के प्रति संवेदनशील सामाजिक वातावरण बनाए जाने की इसी सामाजिक चुनौती और मानवीय मूल्यों के बचाव के लिए, समाज में वृद्धावस्था को एक बेहतर जीवन स्तर बनाने के लिए- 'द आस्था जीवन ऑर्गनाइजेशन' द्वारा जो एक सामाजिक संगठन है, जिसका प्रयास है कि वृद्धावस्था को किसी भी तरीके से बेहतर और सुखमय बनाया जाए,

इस योजना के अंतर्गत मुख्य उद्देश्य वृद्ध व्यक्तियों को मौलिक सुविधाएं जैसे आश्रय, भोजन, चिकित्सा देखभाल, और मनोरंजन के अवसर प्रदान कर सरकारी गैर सरकारी संगठन पंचायती राज संस्थाएं स्थानीय निकाय और संपूर्ण समुदाय के क्षमता निर्माण के लिए सकारात्मक एवं सक्रिय अनुकूल वृद्धावस्था को प्रोत्साहित करके, समर्थन देकर, वृद्ध व्यक्तियों के जीवन स्तर में सुधार लाना है,'दआस्था जीवन ऑर्गेनाइजेशन' जो एक सामाजिक संगठन है इसे एक आंदोलन का रूप देते हुए,'वृद्धावस्था' को इक-- "मिशन" के रूप में "60 प्लस इंडिया" के नाम से कार्यक्रम चलाने का कार्य कर रही है,

60 प्लस आंदोलन के मुख्यतः तीन आयाम है

परियोजना का प्रथम आयाम:-

जिसके तहत बिहार में खासकर हम शुरुआत कर रहे हैं, और पूरे बिहार में 100 वृद्धाश्रम के निर्माण का लक्ष्य,संस्था द्वारा स्वयं की वित्तीय उपार्जन के अंतर्गत करने का प्रयास किया जाएगा, जिसे "शांतिनिकेतन वृद्ध-आश्रम" के नाम से जाना जाएगा जिससे पहले स्तर पर हम बिहार के राजगढ़ जो नालंदा जिले स्थित है में पहला 'शांतिनिकेतन वृद्धा आश्रम, की शुरुआत की जाएगी जिसमें 100 वृद्धो के लिए आश्रय स्थल साथ ही साथ 50 अनाथ बच्चों के लिए जो 14 वर्ष से नीचे होंगे साथ ही साथ उसमें एक अस्पताल एवं 50 गायों की गौशाला की व्यवस्था की जाएगी, यह संरचना 3 एकड़ 11 डिसमिल में स्थापित होगी तथा दूसरा मोकामा के टाल(पटना जिला), चाराडीह स्थित, बाबा चौहरमल मेला स्थल के समीप निर्मित की जाएगी तथा तीसरा रफीगंज औरंगाबाद जिले में है वहां इस तरह की व्यवस्था की जाएगी, और क्रमशः यह आगे बढ़ते जाएगी।

परियोजना का दूसरा आयाम:-

गांव स्तर पर जो वृद्ध लोग हैं ,उनके देखभाल खासकर' 'चिकित्सा देखभाल 'के लिए एक पूरी टीम,एक पूरी संरचना तैयार की गई है ।

जिसके तहत गांव-स्तर पर "सेवा दीदी" के नाम से एक महिला 60 प्लस के लोगों को चिकित्सीय देखभाल और उनके स्वास्थ्य की लगातार मॉनिटरिंग का कार्यक्रम चलाया जाएगा तथा उनके शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार पौष्टिक आहार न्यूट्रीशन वैल्यू वाले चार्ट का निर्माण कर उचित देखभाल के लिए सरकार से भी इस पर ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा । और समय-समय पर संस्था द्वारा भी इन कमियों को पूरा करने का प्रयास करेगी, और आशा है कि इस प्रयास में समाज के वगोँ द्वारा इसका समर्थन और सहयोग किया जाएगा, क्योंकि यह सिर्फ मेरी और किसी और की समस्या नहीं है बल्कि सभी लोग बूढ़े होंगे और खासकर 60 प्लस में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सांसद विधायक बड़े-बड़े आईएएस ऑफिसर सभी 60 प्लस में आते हैं उनको भी यह एहसास कराना है, यह अवस्था किस तरह से बेहतर बनाया जाए और हमारा सहयोग इसमें क्या होगा ऐसा हम एक चैन सिस्टम बनाने का प्रयास करेंगे,

परियोजना का तीसरा आयाम:-

वरिष्ठ नागरिकों को को सम्मान, बनाना होगा कानूनी प्रावधान!

संस्था यह भी प्रयास करेगी कि वृद्धजन जो देश के वरिष्ठ नागरिक हैं और सम्मानित नागरिक हैं उन्होंने इस देश को पिछले 60 वर्षों से अपने टैक्स द्वारा इस देश को सीचां है, इसके प्रति वफादारी दिखाई है, और समाज में अपना योगदान दिया है, अतः देश का भी यह कर्तव्य बनता है कि ऐसे लोगों को न सिर्फ देश के द्वारा उनकी संस्थाओं के द्वारा सम्मान दिया जाए, बल्कि वह सुविधा भी प्रदान की जाए जो शारीरिक अक्षमता के कारण प्राप्ति करने में वह असफल होते हैं-: "60 प्लस इंडिया" आंदोलन के तहत हम यह भी पैरोकारी करते हैं कि निम्न बिंदुओं पर वरिष्ठ नागरिकों को न सिर्फ सम्मान देना है, बल्कि इस सम्मान को अधिकार के रूप में परिवर्तित करके,

संसद द्वारा कानून पारित करके इन सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाए जो निम्न प्रकार से हैं-:

  • क्योंकि 60 प्लस के वरिष्ठ नागरिक ने जिंदगी भर टैक्स दिया है इसलिए अब वह 60 वर्ष की उम्र के बाद किसी भी सेवाओं के लिए टैक्स फ्री होने का लाभ उठाएंगे इसे कानूनी अधिकार बनाया जाए,
  • हम यह भी मानते हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को जो बस और रेलवे में सुविधा दी जाती है उनके लिए अलग काउंटर बनाया जाता है, उनके टिकट में कंसेशन दिया जाता है, हम उससे आगे बढ़कर यह चाहते हैं कि कोई भी वरिष्ठ नागरिक लाइन में खड़ा होकर टिकट नहीं लेगा बल्कि वह डायरेक्ट ट्रेन पर चढ़ेगा और अगर टिकट-निरीक्षक आता है, तो आता है तो उसे वह स-सम्मान टिकट काट के ट्रेन में ही मुहैया कराने का काम करेगा, और इसके बदले में कोई भी फाइन का प्रावधान नहीं होगा;
  • ग्राम स्तर पर हम यह चाहते हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को जब तक कानूनी अधिकार नहीं दिए जाएंगे उनके बाल बच्चे या युवा पीढ़ी उनका सम्मान नहीं करेगी, अतः सम्मान के अधिकार को देते हुए ग्राम स्तर पर 60 प्लस एक क्लब का निर्माण किया जाना चाहिए, जो एक "विद्थ सभा" होगी,(जो प्राचीन भारतीय संस्कृति में गणराज्य में हुआ करती थी)एक वरिष्ठ सभा होगी, और उसके अनुमति के बगैर गांव के विकास कार्यक्रम में शुरुआत नहीं की जा सकती हो, साथ ही यह भी अधिकार दिया जाना चाहिए, कि अगर कोई भी प्रशासन अगर कानूनी कार्रवाई करना चाहता है पुलिस प्रशासन कोई कानूनी कार्रवाई करना चाहता है तो उससे पहले "विदतसभा"जो वरिष्ठ नागरिकों की एक क्लब है, उसे अनुमति लेकर ही वह इस तरह की कार्रवाई करें ताकि वरिष्ठ नागरिकों की महत्ता एवं उनके सम्मान के कारण लोग उसे महत्व देंगे, क्योंकि यह अनुभवी हैं अनुभवी विचार लेने का भी एक यह तरीका है और प्रशासन में सहभागिता में इन वरिष्ठ नागरिकों के अगर राय सोमारी को शामिल किया जाता है तो यह अच्छे समाज के लिए एक अच्छा संकेत होगा,
  • हमारी मान्यता है कि राज्य स्तर पर 'विधान परिषद'और केंद्र स्तर पर 'राज्यसभा' में 60 प्लस के लोगों को ही भेजने का कानूनी प्रावधान होना चाहिए, ताकि देश के वरिष्टम लोगों के अनुभवी विचार का लाभ देश का को मिल सके,
  • देश के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिकों को आवश्यक रूप से इतनी पेंशन सरकार द्वारा मुहैया कराना ही चाहिए कि, चाहे वह संगठित क्षेत्र या गैर संगठित क्षेत्र का हो वह अपने भोजन की न्यूनतम आवश्यकता है, और साथी साथ दैनिक जरूरत को भी पूरा करने में सक्षम हो सके। यह देश के लिए दायित्व की बात है।
  • हम यह भी मानते हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को पूरे देश भ्रमण के लिए मुफ्त में सरकारी रेल सेवा का लाभ मिलना चाहिए ताकि वह अंतिम समय में देश को फिर से समझने का प्रयास कर सके । भारत को पहला ऐसा राष्ट्र बनना चाहिए जिसमें इस प्रकार की सुविधा किसी और देश को नहीं मिला हो, लेकिन भारत ऐसी पहल करके एक आदर्श स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए,ताकि विश्व में एक मिसाल कायम कर सके।यात्रा-भ्रमण से समाज को भी नए-नए अनुभव मिलेंगे, और वृद्धो को उनके निराशा मन में एक नई आशा का संचार होगा और उनकी उम्र प्रत्याशा भी बढ़ेगी,
  • कानूनी प्रावधान यह भी होना चाहिए कि किसी 60 प्लस के आरोपित व्यक्ति को ना जेल होगा और नहीं हथकड़ी लगाई जाएगी, बल्कि उसके लिए अलग विशेष प्रावधानों के तहत सजा होनी चाहिए,