हम इस योजना के तहत गांव स्तर पर जो वृद्ध लोग हैं ,उनके देखभाल खासकर, चिकित्सा देखभाल के लिए एक पूरी टीम,एक पूरी संरचना तैयार की गई है ।
One of the major problems faced by the elderly today is financial insecurity. About 88% of the aged in our country are not covered under any adequate social security scheme.
Therefore, most of them are economically insecure and need to depend on their meagre savings or entirely on their children for sustenance. In the absence of any such support, many of them suffer loss of independence and self dignity. But the truth is, many senior citizens of the age group 60-70 years are physically fit and are prepared to work and earn for their living.
Training in basic computer and soft skills can help such elders cope up with the present day job requirements. Utilizing their skills and experience, the society would also be benefited.
Unfortunately, our community is yet to recognize this as a social problem and come forward to provide opportunities for seniors to work and earn.
डी आस्था जीवन आर्गेनाइजेशन के प्रस्ताव एवं कुछ संशोधन संबंधी मुख्य, संस्था के बायोलॉजी में अंकित नाम को बदलकर नए नाम जोड़े जाने हैं जो सूची निम्न प्रकार है:
01. पुराने कार्यों और पुराने सदस्यों में तब्दीलिया करते हुए नए सदस्यों के नाम जोड़े गए,
02. संस्था के सारे ऑडिट पूरे किए जाने पर 12aa 80g के मिल जाने पर सब लोगों को धन्यवाद दिया गया और खास करके अध्यक्ष को इस बात के लिए साध्यवाद किया गया, 3*वर्ष 2024 में संस्था द्वारा यात्रा किया गया की 60 प्लस परियोजना जिसमें 60 बरस से ऊपर के वृद्धो के मेडिकेयर काउंसलिंग और उनके दैनिक जीवन को सुखी बनाने जैसे संबंधित कार्यक्रम की शुरूआत किया जाए इसके लिए तीन तरह के 3 आयामी 3 डाइमेंशनल प्रोग्राम चालू किए गए
*पहले, शांतिनिकेतन वृद्धाश्रम जिसके तहत पूरे बिहार में 100 वृद्ध आश्रम खोले जाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया और पहले वृद्ध आश्रम राजगीर जो नालंदा जिले स्थित है गोलाघाट में कबीर चौरा मठ में खोलने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया,
जिसके तहत 100 वृद्ध के रहने लायक,वाला वृद्ध आश्रम, 50 अनाथ बच्चों के लिए अनाथालय एक नसों के ट्रेनिंग के लिए एक नर्सिंग होम और ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट तथा गौशाला साथ ही साथ संतो को रहने के लिए कबीर संतो को रहने के लिए जो पहले से भवन है उसका पुनरुत्थान करना शामिल है,
यह भवन निर्माण प्रस्तावित जो है वह कबीर चौरा मठ के तीन एकड़ 12 डिसमिल जमीन पर किया गया है जिसके लिए प्रथम पक्ष कबीर चौरा मठ गोलाघाट के साथ एक समिति पत्र लिखी गई है जिसमें तय किया गया है कि इसके जून आधार के लिए और निर्माण के लिए जो भी आवश्यक राशि होगी वह दी आस्था जीवन ऑर्गेनाइजेशन द्वितीय संस्था है इसका इंतजाम करेगी जिसकी लिखित सहमति प्रथम पक्ष ने दी,
द्वितीय,_ ग्राम स्तर पर वृद्धो के काउंसलिंग, मेडिकेयर, एवं दैनिक जीवन की देखरेख के, लिए ,,"सेवा दीदी"कार्यक्रम पंचायत स्तर पर शुरू करने का निर्णय लिया गया ,_जिसके लिए पहला, कार्यक्रम की शुरुआत _बिहार के रोहतास जिले, के बिक्रमगंज अनुमंडल,के नोखा, प्रखंड से शुरू किया जाएगा तथा द्वितीय परियोजना पटना जिले, के बाढ़ अनुमंडल, के अथमोल_गोला प्रखंड से शुरू करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया,
तृतीया,_ पूरे बिहार में 2024 से लेकर 27 _3 वर्षों में 30 लाख पेड़ जिसमें मुख्त पीपल,बरगद ,और नीम के पेड़ को लगाने का वृक्षारोपण कार्यक्रम स्वीकृत किया गया,
चतुर्थ, पूरे बिहार में यह कार्यक्रम चलाने के लिए प्रशासनिक कार्यालय के रूप में "प्रहलाद भवन" मीठापुर बस स्टैंड रोड, बंगाली टोला, बाटा शोरूम के पास है पटना _1,उसे स्वीकृत किया गया,
पांचवा निर्णय,_ है कि सारे परियोजना की जानकारी संस्था के theasthajivan.org, पर और 60 प्लस परियोजना की विस्तृत जानकारी उसके एक अलग से वेबसाइट का निर्माण करके अपलोड किया जाएगा जिसका नाम है,sixtyplusindia.org,
छठा निर्णय _है कि 60 प्लस परियोजना के लिए ब्रांड एंबेसडर के लिए श्री ब्रह्मदेव आनंद पासवान (पूर्व सांसद राज्यसभा) को मनोनीत किया गया, जिसकी लिखित सहमति उनके द्वारा ली गई ,साथ ही उन्हें संस्था की संरक्षण समिति होगी, (जो सलाहकार समिति 100 सदस्यों की दिन में अनुभवी एवं वृद्ध लोगों का अनुभव के लिए बनाया गया)उसका "अध्यक्ष"भी बनाया गया है,
सातवां निर्णय _श्री दर्शन कुमार जी ,समिति के सदस्य हैं,को संरक्षण समिति का ’संयोजक’ नियुक्त किया गया है साथ ही साथ नीरज कुमार जो सदस्य हैं उन्हें ’वित्तीय सलाहकार’का पदभार दिया गया है,
आठवां निर्णय लिया गया है कि राजगीर स्थित कबीर चौरा मठ में शांतिनिकेतन वृद्ध आश्रम के देखरेख एवं उसके हिसाब किताब के लिए एक दोनों संस्थाओं के बीच में एक समन्वय समिति का निर्माण किया जाएगा जिसका अध्यक्ष कबीर चौरा मठ का होगा और यह समिति पांच सदस्यों की होगी जिसमें तीन सदस्य आस्था जीवन के और दो सदस्य कभी चौड़ा मठ के होंगे जो समय-समय पर हिसाब किताब और प्राक्कलन तथा विकास का आकलन करेंगे, इसके लिए एक समन्वय समिति के नाम से खाता बैंक में खोला जाना, निर्णय किया गया है
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